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जैन धर्म की महत्वपूर्ण और अनछुए पहलुओं को दर्शाने वाली फिल्म ‘The Legacy of Jineshwar’ ने एक नई दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। इस फिल्म में, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर, महावीर स्वामी Jineshwar के जीवन और उनके उपदेशों को महत्वपूर्ण रूप से उजागर किया गया है। फिल्म के माध्यम से, दर्शकों को जैन धर्म की संस्कृति, दीक्षा, और आत्मसंयम के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का अनुभव होता है।
‘The Legacy Of Jineshwar‘ में जैन परंपरा की अनकही कहानियों को प्रकट किया गया है, जो भगवान महावीर Jineshwar की उपदेशों और जैन संतान की आध्यात्मिक विरासत को बोलती हैं। यह फिल्म राजा ऋषभ देव से भगवान महावीर Jineshwar तक की यात्रा को एक रोमांचक कथा के रूप में प्रस्तुत करती है, जिसमें खतरगच्छ की स्थापना और धर्म के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का उद्घाटन होता है।
महावीर Jineshwar टाकिज और श्री खरतरगच्छ सहस्राब्दी महोत्सव के माध्यम से ‘The LegacyOf Jineshwar’ ने जैन धर्म को समर्पित किया है। फिल्म में, भगवान आदिनाथ और महावीर Jineshwar स्वामी की विरासत को वर्धमान सूरी ने आगे बढ़ाया है और उन्होंने आत्मनियंत्रण के महत्व को प्रमोट किया है।
Jineshwar फिल्म की कहानी संवत 1080 के चारों ओर घूमती है, जहां जैन मुनि आचार्य वर्धमान सूरी अपने शिष्यों के साथ लोगों को धर्म का मार्ग दिखाते हैं। इस फिल्म ने जैन समुदाय में गहरी पसंद और सम्मान पाया है, क्योंकि इसने धर्मिक विषयों पर नई दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। इसलिए, Jineshwar फिल्म न केवल जैन धर्म के प्रति रुझान बढ़ाती है, बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी इसे आकर्षित महसूस कर रहे हैं।